आईआईएमए में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 83वीं छमाही बैठक का आयोजन

आईआईएमए में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 83वीं छमाही बैठक का आयोजन

~ बैठक में ‘अंकुर’ पत्रिका का विमोचन, राजभाषा संवर्ग के सेवानिवृत्त कर्मचारियों का सम्मान तथा वर्ष 2023-24 के लिए राजभाषा नीति के सर्वोत्तम कार्यान्वयन के लिए पुरस्कारों की घोषणा भी शामिल थी।

26 जून, 2024: भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद (आईआईएमए) ने आज अपने परिसर में अहमदाबाद के स्तर पर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 83वीं छमाही बैठक की मेजबानी की। श्री यशवंत यू. चव्हाण, अध्यक्ष एवं प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त-गुजरात, अहमदाबाद, की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में आईआईएमए के निदेशक प्रोफेसर भारत भास्कर; श्री भुवनेश कुलश्रेष्ठ, राजभाषा अधिकारी व प्रधान आयकर आयुक्त, अहमदाबाद; श्री रामविलास सिंह राठौर, सदस्य सचिव और सहायक निदेशक (राजभाषा), अहमदाबाद उपस्थित रहे थे।

स्वागत भाषण देते हुए आईआईएमए के निदेशक प्रोफेसर भारत भास्कर ने कहा, "भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद प्रबंधन अनुसंधान तथा प्रशिक्षण गतिविधियों के विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, जो सामाजिक मुद्दों से संबंधित क्षेत्रों तक भी विस्तारित है। एक तरफ आईआईएमए प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छू रहा है, तो दूसरी तरफ हम राजभाषा कार्यान्वयन के क्षेत्र में भी अपनी जिम्मेदारियों को पूर्णतः निभा रहे हैं। हमारा संस्थान राजभाषा कार्यान्वयन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और हम भविष्य में भी राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए पूरी निष्ठा से काम करते रहेंगे।"

अध्यक्षीय भाषण देते हुए समिति के अध्यक्ष एवं प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त-गुजरात, अहमदाबाद, श्री यशवंत यू. चव्हाण ने कहा, “हमें अपने दफ़्तरों में हिंदी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए और ज़्यादा प्रयास करने की ज़रूरत है। हममें से कई लोगों के लिए हिंदी मातृभाषा नहीं है, लेकिन अगर हम पूरे दिल से प्रयास करें, सिर्फ़ इसलिए नहीं कि हमें ऐसा करने के लिए कहा गया है, तो यह हमारे रोज़मर्रा के काम और बातचीत में स्वाभाविक रूप से घुलमिल सकती है।” उन्होंने कुछ किस्से भी साझा किए कि कैसे उनके समेत मातृभाषा के रूप में हिंदी नहीं बोलनेवालों ने भी ईमानदारी से किए गए प्रयासों से आधिकारिक भाषा पर पकड़ बनाई।

समिति की अहमदाबाद शहर शाखा के लिए विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श के अलावा, बैठक में इसकी पत्रिका ‘अंकुर’ का विमोचन और राजभाषा संवर्ग के सेवानिवृत्त कर्मचारियों का सम्मान भी शामिल था। कार्यक्रम के दौरान, आईआईएमए को वर्ष 2023-24 के लिए राजभाषा नीति के उत्कृष्ट कार्यान्वयन के लिए राजभाषा शील्ड से सम्मानित किया गया।

बैठक में लगभग सौ जितने विभिन्न कार्यालयों/संस्थाओं के प्रमुखों और सभी सदस्य कार्यालयों के राजभाषा अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया था।

आईआईएम अहमदाबाद के बारे में: भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद (आईआईएमए) एक प्रमुख, वैश्विक प्रबंध संस्थान है जो प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में सबसे आगे है। अपने अस्तित्व के छह दशकों से अधिक समय में, संस्थान को अपने विशिष्ट शिक्षण, उच्च गुणवत्ता वाले शोध, भविष्य के नेतृत्व को पोषित करने, उद्योग, सरकार, सामाजिक उद्यम का समर्थन करने और समाज पर प्रगतिशील प्रभाव पैदा करने के माध्यम से विद्वता, अभ्यास और नीति में अपने अनुकरणीय योगदान के लिए स्वीकृति प्राप्त है। आईआईएमए की स्थापना 1961 में सरकार, उद्योग और अंतरराष्ट्रीय शिक्षाविदों द्वारा एक अभिनव पहल के रूप में की गई थी। तब से, यह अपने वैश्विक पदचिह्न को मजबूत कर रहा है और आज इसका 80 से अधिक शीर्ष अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ एक नेटवर्क है और दुबई में इसकी उपस्थिति है। इसके प्रतिष्ठित संकाय सदस्य और 44,000 से अधिक पूर्व छात्र, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रभावशाली पदों पर हैं, भी इसकी वैश्विक मान्यता में योगदान करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में, आईआईएमए के अकादमिक रूप से बेहतर, बाजार-संचालित और सामाजिक रूप से प्रभावशाली कार्यक्रमों ने वैश्विक स्तर पर उच्च प्रतिष्ठा और प्रशंसा अर्जित की है। यह ईक्विस (EQUIS) से अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने वाला पहला भारतीय संस्थान बना हुआ है। संस्थान को भारत सरकार के राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ), भारतीय रैंकिंग 2023 में भी प्रथम स्थान प्राप्त है। फाइनेंशियल टाइम्स (एफटी) कार्यकारी शिक्षा रैंकिंग 2024 में संस्थान को वैश्विक स्तर पर 43वाँ स्थान प्राप्त है। प्रसिद्ध फ्लैगशिप दो वर्षीय प्रबंधन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (पीजीपी) को एफटी मास्टर्स इन मैनेजमेंट रैंकिंग 2023 में 43वाँ स्थान प्राप्त है और एक वर्षीय कार्यकारी अधिकारियों के लिए प्रबंधन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (पीजीपीएक्स) को एफटी ग्लोबल एमबीए रैंकिंग 2024 में 41वाँ स्थान प्राप्त है।


आईआईएमए विविध ज्ञान साधको के लिए अनुकूलित, मिश्रित और खुले नामांकन प्रारूपों में परामर्श सेवाएँ और 200 से अधिक क्यूरेटेड कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रम प्रदान करता है, जिनमें व्यापारिक नेता, नीति निर्माता, उद्योग व्यवसायी, शिक्षाविद, सरकारी अधिकारी, सशस्त्र बल कार्मिक, कृषि-व्यवसाय और अन्य विशिष्ट क्षेत्र के विशेषज्ञ और उद्यमी शामिल होते हैं।

आईआईएमए के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इस लिंक पर क्लिक करें: https://www.iima.ac.in/

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सुश्री शिवांगी भट्ट | manager-comm@iima.ac.in तथा pr@iima.ac.in | +91 9979776306

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