08/10/2024
भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत निहित शक्ति का उपयोग: एक अनुभवजन्य अध्ययन
एम पी राम मोहन, श्रीराम प्रसाद, विजय वी वेंकटेश, साई मुरलीधर और जैकब पी एलेक्स
Working Papers & Projects
अनुच्छेद 142 के तहत भारत का संविधान भारत के सर्वोच्च न्यायालय को पूर्ण न्याय करने की व्यापक अंतर्निहित शक्तियाँ प्रदान करता है। इस अंतर्निहित शक्ति की रूपरेखा और पूर्ण न्याय प्राप्त करने का क्या अर्थ है, यह सर्वोच्च न्यायालय पर ही निर्धारित करने के लिए छोड़ दिया गया था। इस पेपर में, हम 1950 से लेकर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट के सभी मामलों की अनुभवजन्य जांच करते हैं, जिनमें "अनुच्छेद 142" या "पूर्ण न्याय" शब्द का उपयोग किया जाता है। हमें 1579 मामले मिले, जिन्हें तब प्रकृति जैसे कई चर के लिए हाथ से कोडिंग की गई थी। मामले का विवरण, मामले की अपील कहां से की गई, अस्थायी वितरण, इसमें शामिल कानून, मुद्दे की प्रकृति, इसमें शामिल न्यायाधीश, आदि। पेपर इस बात की जांच करता है कि सुप्रीम कोर्ट कब और कैसे अपनी अंतर्निहित शक्तियों का उपयोग करता है, विभिन्न अंतर्दृष्टि पैदा करता है और रुझानों की खोज करता है।